क्या आप उत्तर प्रदेश जैसे विशाल राज्य में, श्रमिक या असंगठित कामगार है और अपना श्रमिक पंजीकरण (UP Labour Registration) नही कराया है। यदि हां तो यह पोस्ट आपके लिए ही है। पंजीकृत श्रमिकों को सरकार विभिन्न योजनाओं का लाभ देती है। जैसे – मातृत्व लाभ, बच्चों की पढाई का खर्चा, बेटी की शादी के लिए अनुदान, बीमारी या दुर्घटना का ईलाज, मृत्यु पर पांच लाख की सहायता ,आवास, शौचालय, सोलर लाईट, साईकिल ईत्यादि।
इस लेख में उत्तर प्रदेश श्रमिक पंजीकरण की प्रक्रिया, उसके लाभ और इससे संबंधित अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गयी है।
UP Labour Registration (श्रमिक पंजीकरण) क्या है?
श्रमिक पंजीकरण (UP Labour Registration) एक प्रक्रिया है जिसके तहत राज्य सरकार द्वारा बनाये गये पोर्टल पर श्रमिकों का डाटा दर्ज करके उनको एक रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ आधिकारिक पहचान दी जाती है। इसके माध्यम से, श्रमिकों की सही संख्या, उनका कार्य क्षेत्र और उनके सामाजिक एवं आर्थिक हालात का मूल्यांकन किया जाता है। यह पंजीकरण निर्माण, कृषि, कारखाने, दुकानों और अन्य प्रकार के असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों के लिए होता है।
श्रमिक पंजीकरण योजना का उद्देश्य
UP Labour Registration का उद्देश्य निम्नलिखित है:
- उत्तर प्रदेश में श्रमिक पंजीकरण का मुख्य उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को आधिकारिक रूप से पहचान प्रदान कर उन्हें सरकारी योजनाओं और कल्याणकारी सेवाओं का लाभ दिलाना है।
- श्रम पंजीकरण (UP Labour Registration) सुनिश्चित करता है कि कंपनियां और संस्थान श्रम कानूनों का पालन कर रही हैं, जैसे कि न्यूनतम मजदूरी, काम के घंटे, छुट्टियां आदि।
- श्रम पंजीकरण सरकारी रिकॉर्ड रखने में मदद करता है, जो विभिन्न नीतियों और योजनाओं के विकास में उपयोगी होता है।
- यह पंजीकरण कर्मचारियों के अधिकारों की सुरक्षा करता है और उन्हें आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने में मदद करता है
श्रमिक पंजीकरण के लाभ
उत्तर प्रदेश में श्रमिक पंजीकरण (UP Labour Registration) के प्रमुख लाभ निम्नलिखित है:
- सरकारी योजनाओं का लाभ: पंजीकृत श्रमिकों को राज्य और केंद्र सरकार द्वारा संचालित कई योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना, अटल पेंशन योजना, बीमा योजनाएं, और मुफ्त चिकित्सा सुविधाओं का लाभ मिलता है।
- सामाजिक सुरक्षा: UP Labour Registration से श्रमिकों को स्वास्थ्य, बीमा और पेंशन जैसी सुविधाएं मिलती हैं, जिससे उनका भविष्य सुरक्षित हो जाता है।
- सरकारी सहायता: आपदा या आर्थिक संकट के समय, पंजीकृत श्रमिकों को सरकार द्वारा विशेष वित्तीय सहायता दी जाती है।
- कौशल विकास: पंजीकृत श्रमिकों को कौशल विकास के लिए विशेष प्रशिक्षण और शिक्षा का अवसर मिलता है, जिससे वे अपने कौशल में सुधार कर सकते हैं और बेहतर रोजगार प्राप्त कर सकते हैं।
- आर्थिक सहायता और मुआवजा: किसी दुर्घटना या आपदा की स्थिति में, पंजीकृत श्रमिकों को सरकार द्वारा आर्थिक सहायता और मुआवजा प्रदान किया जाता है। इसके अतिरिक्त, गंभीर बीमारियों या दुर्घटनाओं के मामले में भी वित्तीय मदद दी जाती है।
चिकित्सा सुविधाएं: पंजीकृत श्रमिकों को सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलता है। सरकारी अस्पतालों में मुफ्त या रियायती दर पर इलाज की सुविधा उपलब्ध होती है, जिससे श्रमिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है।
श्रमिक पंजीकरण के लिए पात्रता
UP Labour Registration के लिए निम्नलिखित पात्रता मापदंड है:-
- कोई भी व्यक्ति जो असंगठित क्षेत्र में श्रम कार्य कर रहा है, वह श्रमिक पंजीकरण के लिए पात्र है।
- आवेदक की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- आवेदक पिछले 12 महीनों में कम से कम 90 दिन कार्यरत होना चाहिए।
आवश्यक अभिलेख- Documents
श्रमिक पंजीकरण (UP Labour Registration) के लिए निम्नलिखित आभिलेख/दस्तावेज आवश्यक है:-
- पासपोर्ट आकार का 01 फोटो।
- आधार कार्ड की स्व प्रमाणित छायाप्रति।
- बैंक पासबुक की स्व प्रमाणित छायाप्रति।
- स्वघोषणा पत्र की छायाप्रति।
- नियोजन प्रमाण पत्र।
- नामिनी जिसको बनाना है उसका आधार कार्ड।
पंजीकरण शुल्क
पंजीकरण शुल्क रू 20/- तथा सदस्यता बनाए रखने हेतु अंशदान के रूप में प्रतिवर्ष रू 20/- जमा करना होता है। अंशदान की राशी 1 वर्ष या 2 वर्ष या 3 वर्ष के लिए एक साथ ऑनलाइन माध्यम से जमा किया जा सकता है।
कौन व्यक्ति या श्रमिक रजिस्ट्रेशन हेतु पात्र हैं ?
UP Labour Registration योजना में निम्नलिखित 40 क्षेत्रों में कार्य करने वाले व्यक्ति /श्रमिक रजिस्ट्र्शन करवा सकते है।
- बेल्डिंग का कार्य
- बढ़ई का कार्य
- कुआँ खोदना
- रोलर चलाना
- छप्पर डालने का कार्य
- राजमिस्त्री का कार्य
- प्लम्बरिंग
- लोहार
- मोजैक पाॅलिश
- सड़क बनाना
- मिक्सर चलाने का कार्य
- पुताई
- इलेक्ट्रिक वर्क
- सुरंग निर्माण
- टाइल्स लगाने का कार्य
- कुएं से तलछट हटाने का कार्य
- चट्टान तोड़ने का कार्य या खनिकर्म
- वर्क-सड़क निर्माण से सम्बन्धित स्प्रे वर्क या मिक्सिंग
- मार्बल एवं स्टोन वर्क
- चौकीदारी – निर्माण सथल पर सुरक्षा प्रदान करने के लिये
- सभी प्रकार के पत्थर, तोड़ने व पीसने का कार्य
- निर्माण स्थल पर लिपिकीय व लेखा कार्य करने वाले कर्मकार
- सीमेन्ट, कंकरीट, ईंट ढोने का कार्य करने वाले
- बांध, पुल, सड़क निर्माण या भवन निर्माण से सम्बन्धित कोई संक्रिया
- बाढ़ प्रबन्धन
- ठंडा व गरम मशीनरी की स्थापना व मरम्मत
- अग्निशमन प्रणाली की स्थापना व मरम्मत
- बडे यांत्रिक कार्य – मशीनरी, पुल का निर्माण का कार्य
- मकानों/भवनों की आन्तरिक सज्जा का कार्य
- हथौड़ा चलाने का कार्य
- खिड़की, ग्रिल, दरवाजे आदि की गढ़ाई व स्थापना का कार्य
- माड्यूलर किचन की स्थापना
- सामुदायिक पार्क या फुटपाथ निर्माण
- ईंट भट्ठों पर ईट निर्माण कार्य
- मिट्टी, बालू, मौरंग खनन कार्य
- सुरक्षा द्वार व अन्य उपकरणों की स्थापना का कार्य
- लिफ्ट व स्वचालित सीढी की स्थापना का कार्य
- सीमेन्ट, ईंट आदि ढोने का कार्य
- मिट्टी का काम
- चूना बनाना
श्रमिक पंजीकरण की प्रक्रिया
उत्तर प्रदेश में श्रमिक पंजीकरण (UP Labour Registration) जन सुविधा केन्द्रों/लोकवाणी केन्द्रों/बोर्ड के र्पोटल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।
- श्रमिक पंजीकरण के लिए उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (UPBOCW) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- वेबसाइट पर दिए गए “श्रमिक पंजीयन” विकल्प पर क्लिक करें। यहां आपको एक नया खाता बनाना होगा जिसमें आपका नाम, मोबाइल नंबर, और अन्य व्यक्तिगत जानकारी भरनी होगी।
- लॉगिन करने के बाद, आपसे श्रमिक की जानकारी मांगी जाएगी। इसमें नाम, पता, कार्य क्षेत्र, आयु, कार्य के दिन, और अन्य विवरण भरें।
- पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज़ जैसे आधार कार्ड, बैंक पासबुक, श्रमिक प्रमाण पत्र, और पासपोर्ट साइज फोटो अपलोड करें।
- निर्धारित शुल्क का ऑनलाइन भुगतान करें।
- अब आपको एक पंजीयन संख्या प्राप्त होगी। सत्यापन पूरा होने के बाद, आपको श्रमिक पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा जिसे पंजीयन संख्या दर्ज करके वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं।
पंजीकृत श्रमिक के लिए योजनाएं
उत्तर प्रदेश में पंजीकृत श्रमिक निम्नलिखित योजनाओं का लाभ लेने के लिए पात्र हो जाता है।
- मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना
- कन्या विवाह सहायता योजना
- आपदा राहत योजना
- शौचालय सहायता योजना
- गम्भीर वीमारी सहायता योजना
- निर्माण कामगार मृत्यु एवं दिव्यांगता सहायता योजना
- अटल आवासीय विद्यालय योजना
- महात्मा गाँधी पेंशन योजना
- संत रविदास शिक्षा प्रोत्साहन योजना
- कौशल विकास, तकनीकी उन्नयन एवं प्रमाणन योजना
उपरोक्त सभी योजनाओं को विस्तार से अलग पोस्ट में प्रकाशित करेंगे।
Conclusion- सारांश
UP Labour Registration असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो उन्हें सामाजिक सुरक्षा, सरकारी योजनाओं का लाभ, और कानूनी अधिकार प्रदान करता है। पंजीकरण के माध्यम से श्रमिकों को न केवल आर्थिक सहायता मिलती है, बल्कि उनके कार्यस्थल पर भी सुरक्षा की गारंटी दी जाती है। यह प्रक्रिया श्रमिकों को उनके भविष्य को सुरक्षित करने, स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठाने, और अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने में मदद करती है।
अंत में, सरकार द्वारा श्रमिकों की भलाई के लिए उठाया गया यह कदम न केवल उनके जीवन स्तर में सुधार लाता है, बल्कि राज्य के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। प्रत्येक पात्र श्रमिक को इस पंजीकरण का हिस्सा बनना चाहिए ताकि वे अपने अधिकारों और कल्याणकारी योजनाओं का पूरा लाभ उठा सकें।
सामान्यतया पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
श्रम कानूनों का पालन सुनिश्चित करने, कर्मचारियों के अधिकारों की सुरक्षा करने, सरकारी रिकॉर्ड रखने और कंपनी की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए श्रमिक पंजीकरण आवश्यक है।
UP Labour Registration (श्रमिक पंजीकरण) 60 वर्ष की आयु तक मान्य होता है, किंतु इसे प्रतिवर्ष नवीनीकृत (Renew) करना होता है।
श्रमिक पंजीकरण का नवीनीकरण शुल्क प्रतिवर्ष 20 रुपया है। आप इसे एक साथ 60 जमा करके 3 साल के लिए नवीनीकृत कर सकते है।
UP Labour Registration के तुरंत बाद कुछ सरकारी योजनाओं का लाभ लागू हो जाता है और शेष लाभ एक साल के बाद पात्रता के अनुसार मिलते है। प्रत्येक योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करना होता है।
प्रत्येक जिले में श्रम विभाग की एक आफिस होती है। कोई समस्या होने पर आप वहा से सम्पर्क कर सकते है।
शब्दावली - Terminology
- असंगठित क्षेत्र : छोटे पैमाने के उद्योग और सेवा क्षेत्र हैं जो औपचारिक श्रम कानूनों और नियमों के दायरे से बाहर होते हैं। इनमें खेती, घरेलू काम, छोटी दुकानें आदि शामिल हैं। इनमें काम करने वाले लोगों को न्यूनतम मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा आदि जैसी सुविधाएं नहीं मिलती हैं।
- इस क्षेत्र में काम करने वाले लोग ज्यादातर अस्थायी, ठेके पर, दिहाडी मजदूर या बिना किसी लिखित अनुबंध के कार्यरत होते हैं।
- उदाहरण: घरों में काम करने वाले नौकर, माली, सफाईकर्मी,खेतों में काम करने वाले मजदूर, कुम्हार, दर्जी, मोची, रेहड़ी-पटरी वाले, रिक्शा चालक आदि।
- BOCW : Building and Other Construction workers. – बिल्डिंग और अन्य निर्माण श्रमिक।