Suryoday Yojana : हर घर को सोलर, सरकार की योजना,आवेदन शुरु

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सुबह की खिली धूप आपके घर को न सिर्फ रोशन करती है, बल्कि बिजली के मीटर की चाल भी कम करती है। जी हां, इसी सपने को साकार करने के लिये प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना (Suryoday Yojana) है। यह योजना आपके घर की छत पर सोलर पैनल लगवाने में आर्थिक सहायता देकर न केवल बिजली के खर्च को कम करने में मदद करती है, बल्कि आपको ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण में अग्रणी भी बनाती है। इस योजना के बारे में सोचिए, तो मन में एक तस्वीर उभरती है कि जिस छत पर सूरज की किरणें गरमी पैदा करती हैं, आज उसी छत पर यही किरणें बिजली का रूप लेकर जन-जीवन को रोशन कर रही हैं।

इस ब्लॉग पोस्ट में, हम Suryoday Yojana की गहराई तक जाएंगे और जानेंगे कि कैसे ये आपके घर को बिजली बिलों से मुक्त कर सकती है। Suryoday Yojana क्या है, इसके लिये पात्रता क्या है, आवेदन कैसे करें, कितनी सब्सिडी या छूट मिलेगी, इसको लगवाने में कितना खर्च आयेगा और साथ ही पर्यावरण को भी बचाने में भी इसका क्या योगदान है। तो चलिए, सूर्योदय योजना के रोशनी भरे सफर की जानकारी पर निकलते है।

Table of Contents

सूर्योदय योजना (Suryoday Yojana) क्या है ?

सूर्योदय योजना (Suryoday Yojana) केंद्र सरकार द्वारा गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के जीवन में रोशनी लाने के लिए शुरू की गई है। 22 जनवरी 2024 को प्रधान मंत्री नें इस योजना की उद्घोषणा किया। इस योजना के तहत, सरकार लोगो के घरों की छत पर सोलर पैनल लगवाने के लिए सब्सिडी देती है। इन सोलर पैनलों से दिन के समय सूर्य के प्रकाश द्वारा बिजली उत्पन्न होती है। इस बिजली (सौर उर्जा) का उपयोग करके लोग बिजली का बिल बचा पायेंगे और अतिरिक्त बिजली को पावर ग्रिड में बेचकर आप कमाई भी कर सकते हैं। सरकार ने Suryoday Yojana के अंतर्गत एक करोड लोगों के घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाने का लक्ष्य रखा है।

इस योजना के अंतर्गत 1 से 10 किलोवॉट क्षमता तक के बिजली उत्पादन हेतू सोलर पैनल लगवाये जा सकते है। इस योजना का संचालन स्थानीय विद्यूत वितरण कंपनियों करर्ती है। भारत सरकार ने सूर्योदय योजना (Suryoday Yojana) के लिये आर ई सी लिमिटेड (REC LIMITED – Rural Electrification Corporation) को नोडल एजेंसी नियुक्त किया है। इस योजना के द्वारा 40 गीगावॉट बिजली रुफटॉफ सोलर पैनल के माध्यम से पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है।

Key Highlights of PM Suryoday Yojana

योजना का नामप्रधान मंत्री सूर्योदय योजना / Suryoday Yojana
योजना का विस्तार क्षेत्रभारतवर्ष
योजना की लागू तिथि22 जनवरी 2024
लाभार्थीभारत के नागरिक (अधिकतम 150000 तक वार्षिक आय)
योजना का उद्देश्यपरम्परागत बिजली पर निर्भरता कम करना।
आधिकारिक वेबसाइटअभी उपलब्ध नही है।
टोल फ्री नंबरअभी उपलब्ध नही है।
लाभसोलर रुफटॉप पर सब्सिडी

सूर्योदय योजना अंतर्गत आच्छेदित सब्सिडी

प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना (Suryoday Yojana) के अंतर्गत वर्तमान समय में एक से तीन किलोवॉट तक बिजली पैदा करने के लिये आवश्यक उपकरणों की खरीद हेतू 40% सब्सिडी प्रदान की जाती है। तीन किलोवॉट से अधिक और दस किलोवॉट तक बिजली पैदा करने के लिये आवश्यक उपकरणों की खरीद हेतू 20% सब्सिडी प्रदान की जाती है। भारत सरकार द्वारा इस योजना पर पुन: समीक्षा की गयी जिसके परिणाम स्वरुप सब्सिडी की राशी को बढ़ाये जाने का निर्णय लिया गया है। इसकी घोषणा सरकार बहुत ही जल्द करेगी।

सोलर रुफटॉप (घरेलू) पर अनुदान तालिका-

क्र. सं.सोलर क्षमताबाजार मूल्यकेंद्र से अनुदानराज्य से अनुदानकुल अनुदानलाभार्थी द्वारा व्यय
धनराशी
11 किलोवॉट6000018000150003300027000
22 किलोवॉट12000036000300006600054000
33 किलोवॉट18000054000300008400096000
44 किलोवॉट240000630003000093000147000
55 किलोवॉट3000007200030000102000198000
66 किलोवॉट3600008100030000111000249000
77 किलोवॉट4200009000030000120000300000
88 किलोवॉट4800009900030000129000351000
99 किलोवॉट54000010800030000138000402000
1010 किलोवॉट60000011700030000147000453000
नोट:– उपरोक्त तालिका में सभी विवरण वर्तमान समयानुसार है। योजना को अधिक प्रभावी और लाभकारी बनाने के लिये परिवर्तन किया जा रहा है। सरकार द्वारा परिवर्तन की घोषणा होते ही आपको योजना अपडेट से अवगत करा दिया जायेगा।

सूर्योदय योजना में नया अपडेट(New Update)

अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से लौटने के बाद 22 जनवरी 2024 को प्रधान मन्त्री ने छत पर सोलर पैनल लगाने के लिये सूर्योदय योजना का एलान किया था। 01 फरवरी 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट 2024 में इस योजना को आगे बढ़ाने की बात कही है। सरकार ने इस योजना के लिये 10 हजार करोड रुपये का आवंटन किया है। वित्त मंत्री ने बताया कि छ्त पर सौर उर्जा प्रणाली लगाने से एक परिवार हर महीने 300 यूनिट तक की बिजली नि:शुल्क प्राप्त कर सकेगा। इससे देश के एक करोड़ परिवार वर्ष भर में 18 हजार करोड़ रुपये की बचत कर सकेंगे। इससे उन्हे अतिरिक्त आय भी हो सकती है।

सूर्योदय योजना के उद्देश्य एवं लाभ

प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना का उद्देश्य बहुआयामी है, जिसका लक्ष्य न सिर्फ बिजली के बिलों को कम करना है, बल्कि आर्थिक बोझ को कम करना, ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को भी मजबूत करना है। सूर्योदय योजना (Suryoday Yojana) के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित है-

  • 1. बिजली बिलों में कमी: सूर्योदय योजना (Suryoday Yojana) का प्राथमिक उद्देश्य घरेलू बिजली खर्च को कम करना है। छत पर सोलर पैनल लगवाने से दिन के समय बिजली की जरूरत काफी हद तक कम हो जाती है, जिससे बिजली के बिल में 70% तक की बचत संभव है। इससे गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार आने की उम्मीद है।
  • 2. आत्मनिर्भरता को बढ़ावा: सोलर पैनल लगाने से परिवारों को अपनी बिजली जरूरतों के लिए ग्रिड (फीटर) पर निर्भरता कम हो जायेगी। दिन के समय सोलर पैनल के माध्यम से अपनी बिजली का उत्पादन खुद कर सकेंगे, जिससे उन्हें ऊर्जा के प्रति आत्मनिर्भरता का एहसास होगा और बिजली कटौती या आपूर्ति बाधाओं से मुक्ति मिल जायेगी। यह आत्मनिर्भर भारत के विजन को भी साकार करने में मदद करता है।
  • 3. ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत बनाना: देश की बढ़ती बिजली मांग को पूरा करने के लिए पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम करना बेहद जरूरी है। पारंपरिक ऊर्जा स्रोत के संसाधन सीमित है, दिन प्रतिदिन येकम होते जा रहे है। सोलर ऊर्जा स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा का एक प्रमुख स्रोत है। सूर्योदय योजना (Suryoday Yojana) के जरिए बड़े पैमाने पर सोलर ऊर्जा को अपनाने से देश की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी और पारंपरिक ईंधन के आयात पर निर्भरता कम होगी।
  • 4. पर्यावरण संरक्षण में योगदान: पारंपरिक बिजली उत्पादन में कार्बन उत्सर्जन और पर्यावरण प्रदूषण होता है। सोलर पैनल से बिजली उत्पादन स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल प्रक्रिया है। पीएम सूर्योदय योजना (PM Suryoday Yojana) के बड़े पैमाने पर लागू होने से देश के कार्बन उत्सर्जन को कम करने और हरित विकास को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। जिससे पर्यायवरण संरक्षित होगा।
  • 5. ग्रामीण विकास को बढ़ावा: सूर्योदय योजना (Suryoday Yojana) का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सोलर पैनल लगाकर बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। साथ ही, निर्बाध विद्यूत आपूर्ति होने से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
  • 6. तकनीकी विकास को बढ़ावा: सूर्योदय योजना (Suryoday Yojana) से सौर ऊर्जा क्षेत्र में तकनीकी विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे नई तकनीकों का आविष्कार होगा और सोलर पैनलों की लागत में भी कमी आएगी।

सूर्योदय योजना के लिए पात्रता एवं शर्ते

प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना (Suryoday Yojana) सभी राज्यों के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लागू है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (BPL) और मध्यम वर्ग के परिवार इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। सबसे पहले, आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप इस योजना के लिए पात्र हैं अथवा नही।आप अपने संबंधित राज्य की नोडल एजेंसी या डिस्कॉम (DISCOM) से संपर्क कर अपनी पात्रता की पुष्टि कर सकते हैं। जन सामान्य की सहायता के लिये पात्रता की शर्ते निम्नलिखित है‌-

  • यह योजना ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के निवासियों के लिये है।
  • आवेदक की वार्षिक आय एक लाख पचास हजार रुपये (150000) से अधिक नही होनी चाहिये।
  • कमजोर वर्ग/ बीपीएल श्रेणी को वरीयता दी जाती है।
  • सरकारी नौकरी प्राप्त व्यक्ति इस योजना के पात्र नही है।
  • आयकर दाता इस योजना के पात्र नही है।
  • पूर्व में इस तरह की किसी अन्य योजना का लाभ प्राप्त कर चुके व्यक्ति पात्र नही है।
  • छायादार जगह पर सोलर पैनल नही लगाया जा सकता है।
  • सोलर पैनल लगाने के लिये आवेदक के पास पक्के मकान की छ्त होना चाहिये।

आवश्यक दस्तावेज

सूर्योदय योजना में आवेदन के लिये निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:

  • पहचान का प्रमाण पत्र (आधार कार्ड)
  • निवास प्रमाण
  • बिजली बिल
  • बैंक खाता विवरण
  • खतौनी
  • कलर फोटो
  • मोबाइल नंबर

सूर्योदय योजना में आवेदन

पीएम सूर्योदय योजना (PM Suryoday Yojana) अभी जल्द ही लांच हुई है इसलिये इसकी बेवसाईट अभी तैयार नही हुई है, काम जारी है बहुत जल्द ही बेवसाइट जारी कर दी जायेगी। वैसे तो इस योजना में आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन ही रहेगी किंतु शुरुवाती दिनों में ऑफलाइन व्यवस्था भी कुछ दिनो तक चल सकती है ताकि योजना के लक्ष्य को यथाशीघ्र हासिल किया जा सके।

  • ऑनलाइन:
    • सरकारी पोर्टल (लिंक शीघ्र सक्रिय होगा): अपने राज्य के संबंधित सरकारी पोर्टल पर जाएं और “प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना” लिंक खोजें। ऑनलाइन फॉर्म भरें, मांगी गई जानकारी जैसे बिजली उपभोक्ता नंबर, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी दर्ज करें। सबमिट करने के बाद, आपको पंजीकृत विक्रेताओं की सूची प्राप्त होगी।
  • ऑफलाइन:
    • ब्लॉक कार्यालय: अपने ब्लॉक कार्यालय अथवा सम्बंधित सब-स्टेशन (पावर हाउस) में जाएं और “प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना – पंजीकरण फॉर्म” प्राप्त करें। इसे सावधानी से भरें और मांगे गए दस्तावेज संलग्न करें। इसे जमा करें और पंजीकरण रसीद प्राप्त करें।

याद रखें: आवेदन प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है, इसलिए धैर्य रखें और नियमित रूप से अपनी आवेदन स्थिति की जांच करते रहें। योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपनी राज्य की नोडल एजेंसी या DISCOM से संपर्क करें या योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। जैसे ही ऑनलाइन आवेदन के लिये वेबसाइट जारी होगी हम आपको आनलाइन आवेदन की पूरी प्रक्रिया को विस्तृत विवरण के साथ अपडेट करेंगे । कृपया इस वेबसाइट के सम्पर्क में रहें।

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आवेदन के बाद की प्रक्रिया

सूर्योदय योजना (Suryoday Yojana) में आवेदन के बाद की प्रक्रिया इस प्रकार है-

  • 1. विक्रेता का चयन: आवेदन जमा करने के बाद, आपके क्षेत्र के प्रमाणित सोलर पैनल विक्रेताओं की सूची आपको प्राप्त होगी। आप अपनी पसंद के विक्रेता का चयन कर सकते हैं। विक्रेता आपके घर का सर्वेक्षण करेगा और सोलर पैनल सिस्टम की क्षमता और लागत का अनुमान लगाएगा।
  • 2. सब्सिडी प्राप्त करें: सूर्योदय योजना (Suryoday Yojana) के तहत, सरकार सोलर पैनल सिस्टम की कुल लागत का एक हिस्सा सब्सिडी के रूप में प्रदान करती है। सब्सिडी राशि आपके राज्य और सिस्टम की क्षमता पर निर्भर करती है। आपके द्वारा चयनित विक्रेता आपके बैंक खाते में सब्सिडी राशि जमा करवाएगा।
  • 3. सिस्टम इंस्टॉलेशन: सब्सिडी प्राप्त करने के बाद, विक्रेता आपके घर पर सोलर पैनल सिस्टम स्थापित करेगा। इंस्टॉलेशन प्रक्रिया आमतौर पर एक से दो दिन में पूरी हो जाती है।
  • 4. नेट मीटरिंग और बिलिंग: इंस्टॉलेशन के बाद, आपको एक नेट मीटर लगाया जाएगा, जो आपके द्वारा ग्रिड से ली गई बिजली और ग्रिड को बेची गई अतिरिक्त बिजली की मात्रा को रिकॉर्ड करता है। आपका बिल इस आधार पर तैयार किया जाएगा, जिससे आप अतिरिक्त बिजली बेचकर कमाई भी कर सकते हैं।
  • 5. अनुभरण और रखरखाव: सोलर पैनल सिस्टम इंस्टॉलेशन के बाद, विक्रेता सिस्टम के रखरखाव और मरम्मत के लिए कुछ समय की वारंटी (२५ वर्ष) या अनुभरण अवधि प्रदान करता है। इस अवधि के बाद, आप आप अपने सोलर सिस्टम की मरम्मत या रखरखाव के लिए स्वयं जिम्मेदार होंगे।

सूर्योदय योजना: विशेषताएं जो इसे खास बनाती हैं

प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना (Suryoday Yojana) न सिर्फ सोलर पैनल लगाने का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह अपनी कुछ विशिष्ट विशेषताओं के कारण अन्य योजनाओं से अलग है। आइए, इस योजना की विशिष्ट विशेषताओं को विस्तार से देखें-

  • 1. व्यापक पहुंच: सूर्योदय योजना (Suryoday Yojana) देश के सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लागू है, जिससे करोड़ों परिवारों को लाभ मिलने की उम्मीद है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि ऊर्जा स्वतंत्रता और पर्यावरण संरक्षण का लाभ केवल कुछ चुनिंदा क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे देश में फैलेगा।
  • 2. लक्षित लाभार्थी: सूर्योदय योजना ( Pradhan Mantri Suryoday Yojana) गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों पर विशेष ध्यान देती है। उन्हें सब्सिडी और अन्य लाभ प्रदान कर सोलर पैनल लगवाने को प्रोत्साहित किया जाता है। इससे ऊर्जा बचत और आर्थिक सशक्तीकरण का लाभ वहीं पहुंचता है, जिनकी इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।
  • 3. सब्सिडी और अनुदान: सूर्योदय योजना (Suryoday Yojana) के तहत सरकार द्वारा सोलर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती है। यह सब्सिडी परिवारों के लिए लागत को कम करती है और उन्हें सोलर पैनल लगवाने के लिए प्रेरित करती है। इसके अलावा, कुछ राज्यों में अतिरिक्त अनुदान भी उपलब्ध कराए जाते हैं, जो योजना को और अधिक आकर्षक बनाते हैं।
  • 4. नेट मीटरिंग का लाभ: नेट मीटरिंग के माध्यम से, परिवार अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में बेच सकते हैं और इसके बदले क्रेडिट प्राप्त कर सकते हैं। यह क्रेडिट बिजली बिलों के भुगतान में इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे परिवारों को न सिर्फ बिजली बचाने में मदद मिलती है, बल्कि अतिरिक्त आय भी प्राप्त होती है।
  • 5. सतत विकास को बढ़ावा: सोलर ऊर्जा का उपयोग नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देता है और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम करता है। इससे कार्बन उत्सर्जन और पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में मदद मिलती है, जो सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण है।
  • 6. कौशल विकास और रोजगार सृजन: सूर्योदय योजना (Suryoday Yojana) के क्रियान्वयन से सोलर पैनल निर्माण, इंस्टॉलेशन और रखरखाव के क्षेत्र में कौशल विकास और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। इससे युवाओं को रोजगार के नए विकल्प मिलेंगे और देश के आर्थिक विकास में योगदान होगा।
  • 7. जागरूकता अभियान: सूर्योदय योजना (Suryoday Yojana) के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर अभियान चलाए जा रहे हैं। इससे लोगों को योजना के लाभों और आवेदन प्रक्रिया के बारे में जानकारी मिल रही है और वे इसमें शामिल होने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।

सारांश (Conclusion)

सूरज की तरह ही रोशन भविष्य का सपना देखने वाला भारत अब ‘सूर्योदय योजना’ के जरिए ऊर्जा स्वतंत्रता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहा है। सूर्योदय योजना (Suryoday Yojana) की व्यापक पहुंच, लक्षित लाभार्थियों पर फोकस, आर्थिक सहायता, सतत विकास को बढ़ावा और रोजगार सृजन जैसी विशेषताओं के कारण यह सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि भारत के बदलते भविष्य की नींव रखने का काम कर रही है। यह योजना हर छत पर सूरज की रोशनी का स्वागत करने और घरों को आत्मनिर्भर बनाने का आह्वान है। इससे न सिर्फ देश की विद्युत निर्भरता कम होगी, बल्कि पर्यावरण संकट से निपटने में भी अहम भूमिका निभाई जाएगी।

आने वाले समय में देश के कोने-कोने से सोलर पैनलों की झिलमिलाहट न सिर्फ बिजली का उजाला, बल्कि भारत के सतत विकास की भी गवाह बनेगी। यह सच है कि सूर्योदय योजना (Suryoday Yojana) के क्रियान्वयन में चुनौतियां आ सकती हैं, जैसे इंस्टॉलेशन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना, जागरूकता बढ़ाना और वित्तीय संसाधनों का कुशल प्रबंधन। लेकिन सरकार और समाज के सामंजस्यपूर्ण प्रयासों से ये चुनौतियां अवसरों में बदल सकती हैं। हर नागरिक को मिलकर इस योजना को सफल बनाने का प्रयास करना चाहिए। सूर्योदय के साथ मिलकर भविष्य को रोशन करने के लिए? आज ही आगे बढ़ें और सूर्योदय योजना का हिस्सा बनें।

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समापन (Ending)

अंत में, हम सभी को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि सूर्योदय योजना की सफलता के लिए अपनी भूमिका निभाएं। जागरूकता फैलाएं, योजना के बारे में जानकारी साझा करें और दूसरों को प्रेरित करें। आइए, मिलकर सूरज की रोशनी से अपने घरों और अपने देश को रोशन करेंइस आर्टिकल में Suryoday Yojana के बारे में संपूर्ण आवश्यक जानकारी को प्रस्तुत करने का यथा संभव प्रयास किया है , आशा है आप इस जानकारी को पढ़कर अवश्य लाभांवित हुये होंगे और दुसरों को भी लाभांवित कर पायेंगे। अंत तक इस जानकारी युक्त लेख को पढ़ने के लिये बहुत – बहुत धन्यवाद।

शब्दावली (Terminology)

  1. पावर ग्रिड (Power/Electric Grid):- “पावर ग्रिड” एक जटिल नेटवर्क है जो बिजली को उत्पन्न करने वाले स्रोतों से इसे इस्तेमाल करने वाले घरों, दफ्तरों और उद्योगों तक पहुंचाता है। इसके मुख्य तीन घटक होते है:- 1-विद्युत उत्पादन (पावर जनरेशन) 2- विद्युत संचरण (पावर ट्रांसमिशन) 3- विद्युत वितरण (पावर डिस्ट्रीब्यूशन)।
  2. रुफटॉफ सोलर पैनल (Rooftop Solar Panel):- घर की छतों पर लगाया जाने वाले सोलर पैनल को रुफटॉफ सोलर पैनल कहा जाता है। यह एक ऐसा उपकरण है जो सूरज की रोशनी से बिजली बनाने का काम करता है। इसे आप सोलर प्लेट भी कह सकते हैं। ये पैनल कई सोलर सेल से मिलकर बने होते हैं, जो सिलिकॉन नामक सेमीकंडक्टर पदार्थ से बने होते हैं।
  3. नेट मीटरिंग: नेट मीटरिंग एक विशेष मीटर द्वारा बिल रिकार्ड करने का सिस्टम है जो आपके द्वारा सोलर पैनलों के जरिए पैदा की गई बिजली के इस्तेमाल और पावर ग्रिड (फीटर) से ली गई बिजली का हिसाब-किताब रखता है। इसे समझने के लिए, आइए दो अलग-अलग स्थितियों पर नज़र डालें:

स्थिति 1: आप अपने सोलर सिस्टम से जितनी बिजली पैदा करते हैं, उससे कम इस्तेमाल करते हैं:-

  • इस स्थिति में, आपके सोलर पैनल आपके घर की ज़रूरतों के लिए पर्याप्त बिजली पैदा करते हैं। सोलर पैनल द्वारा जो अतिरिक्त बिजली पैदा होती है, वह पावर ग्रिड (फीटर/पावर हाउस) में वापस चली जाती है।
  • नेट मीटर इस अतिरिक्त बिजली का रिकॉर्ड रखता है और आपको उसके मूल्य के बराबर क्रेडिट देता है। यह क्रेडिट आपके बिजली के बिल से कम हो जाता है।
  • उदाहरण के लिए, मान लीजिए आपने एक महीने में 100 यूनिट बिजली का इस्तेमाल किया और उसी महीने में आपके सोलर पैनलों ने 120 यूनिट बिजली पैदा की. तो, नेट मीटर के हिसाब से आपने 20 यूनिट बिजली ग्रिड को एड़वांस दी है (100 इस्तेमाल की – 120 पैदा की= 20 नेट वापसी)। इस एड़वांस 20 यूनिट बिजली का क्रेडिट आपको मिलेगा।

स्थिति 2: आप अपने सोलर सिस्टम से जितनी बिजली पैदा करते हैं,, उससे ज़्यादा इस्तेमाल करते हैं:-

  • इस स्थिति में, आपके सोलर पैनल आपकी ज़रूरतों के लिए पर्याप्त बिजली पैदा नहीं करते हैं, इसलिए आपको पावर ग्रिड से अतिरिक्त बिजली लेनी पड़ती है.
  • नेट मीटर ली गयी इस अतिरिक्त बिजली का भी रिकॉर्ड रखता है और आपको उसके लिए चार्ज करता है।
  • उदाहरण के लिए, मान लीजिए आपने एक महीने में 150 यूनिट बिजली का इस्तेमाल किया और उसी महीने में आपके सोलर पैनलों ने 100 यूनिट बिजली पैदा की. तो, नेट मीटर के हिसाब से आपने ग्रिड से 50 यूनिट बिजली ली है (150 इस्तेमाल की – 100 पैदा की= -50)। इस हिसाब से, आपका 50 यूनिट का बिजली बिल बढ़ेगा।

सामान्य प्रश्नोत्तर (FAQs)

क्या सूर्योदय योजना देश के सभी राज्यों में लागू है?

जी हां, प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना (Suryoday Yojana) भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू है। प्रत्येक राज्य में योजना के क्रियान्वयन में कुछ भिन्नताएं हो सकती हैं।

सोलर पैनल लगवाने के लिए मुझे कितना खर्च करना होगा?

सरकार सोलर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी प्रदान करती है, जिससे लागत काफी कम हो जाती है। सब्सिडी की राशि राज्य और सोलर पैनल की क्षमता के आधार पर भिन्न हो सकती है। शेष राशि का भुगतान आपको करना होगा, लेकिन बैंक लोन की सुविधा भी उपलब्ध है।

सोलर पैनल लगवाने में कितना समय लगता है?

आवेदन जमा करने के बाद, संबंधित विभाग द्वारा आपकी पात्रता और अन्य विवरणों का सत्यापन किया जाएगा। यदि सब कुछ सही पाया जाता है, तो आपको सोलर पैनल इंस्टॉलेशन के लिए विक्रेताओं की सूची उपलब्ध कराई जाएगी। इसके बाद, आप विक्रेता से संपर्क कर इंस्टॉलेशन का समय निर्धारित कर सकते हैं। आम तौर पर, इसमें 7-30 दिन का समय लगता है।

क्या सोलर पैनल मेरे छत के लिए उपयुक्त हैं?

इसका निर्धारण करने के लिए, आपको एक तकनीकी सर्वेक्षण करवाना चाहिए। अधिकांश छत सोलर पैनल लगाने के लिए उपयुक्त होते हैं, लेकिन सर्वेक्षण यह सुनिश्चित करेगा कि आपकी छत का ढलान, दिशा और संरचनात्मक अखंडता पैनलों के भार को सहन करने के लिए पर्याप्त है।

क्या सोलर पैनल किसी सुरक्षा जोखिम को पेश करते हैं?

सोलर पैनल बहुत ही सुरक्षित सिस्टम हैं। वे उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री से बने होते हैं और सख्त सुरक्षा मानकों का पालन करते हैं। यदि उचित रूप से इंस्टॉल और रखरखाव किए जाते हैं, तो सोलर पैनल किसी भी सुरक्षा जोखिम को नहीं उठाते हैं।

अतिरिक्त बिजली को मैं क्या कर सकता हूं?

आप नेट मीटरिंग का लाभ उठा सकते हैं। इसके तहत, आपके द्वारा उत्पादित अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में भेज दिया जाता है और उसके बदले आपको क्रेडिट मिलता है। इस क्रेडिट का इस्तेमाल आप बिजली बिलों के भुगतान में कर सकते हैं।

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