Svamitva Scheme: स्वामित्व योजना : अपनी जमीन का अधिकार ! घरौनी – स्वामित्व कार्ड

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भारत सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को उनकी जमीन का मालिकाना हक देने के लिए “स्वामित्व योजना” (Svamitva Scheme) शुरू की है। यह योजना ग्रामीण भारत को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और संपत्ति के अधिकारों को स्पष्ट करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह योजना ग्रामीण निवासियों को उनकी संपत्तियों के कानूनी दस्तावेज़ प्रदान करती है, जिससे वे वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त करने और अन्य सरकारी लाभों का लाभ उठा सकते हैं।

इस ब्लॉग पोस्ट में हम स्वामित्व योजना (Svamitva Scheme) के बारे में विस्तार से जानेंगे, जिसमें इसके उद्देश्य, लाभ, पात्रता, आवेदन प्रक्रिया, और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया है।

Svamitva Scheme- स्वामित्व योजना क्या है?

स्वामित्व योजना (Swamitva Scheme) भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसे पंचायती राज मंत्रालय द्वारा लागू किया गया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को उनकी जमीन का मालिकाना हक (Ownership Right) देना है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों की आबादी वाली जमीन (Abadi Area) का सर्वेक्षण करके उन्हें संपत्ति का स्वामित्व प्रमाण पत्र (Property Card) दिया जाता है।

स्वामित्व योजना की शुरुआत 24 अप्रैल 2020 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर की गई थी। यह योजना ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके जमीन का सर्वेक्षण करती है, जिससे जमीन की सीमाओं को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जा सके। इससे जमीन विवादों को कम करने और ग्रामीणों को वित्तीय सुविधाएं प्रदान करने में मदद मिलती है।

स्वामित्व (Svamitva Scheme) योजना का पूरा नाम

S= Survey of,   V= Villages,   A=Abadi and, M= Mapping with,   I= Improvised,   T= Technology in,  V= Village,   A= Areas

स्वामित्वग्रामीण आबादी का सर्वेक्षण एवं उन्नत तकनीक द्वारा मानचित्रण योजना

SVAMITVA= Survey of Villages Abadi and Mapping with Improvised Technology in Village Areas.

स्वामित्व योजना किस प्रकार की जमीन के लिए है?

स्वामित्व योजना आबादी वाली जमीन के लिए लागू है।

आबादी भूमि (Abadi Land) ग्रामीण क्षेत्रों में आवासीय और गैर-कृषि उद्देश्यों के लिए उपयोग की जाने वाली जमीन को कहा जाता है। यह जमीन गांव के आवासीय क्षेत्र (Residential Area) में स्थित होती है और इसमें घर, दुकानें, सार्वजनिक स्थल, और अन्य गैर-कृषि संरचनाएं शामिल होती हैं।

आबादी भूमि निजी, सार्वजनिक, सरकारी, सामुदायिक, और अनियमित प्रकार की हो सकती है। स्वामित्व योजना के तहत आबादी भूमि का सर्वेक्षण करके ग्रामीणों को संपत्ति कार्ड जारी किया जाता है, जिससे उनकी जमीन का मालिकाना हक स्पष्ट होता है।

स्वामित्व योजना के उद्देश्य

  1. संपत्ति के अधिकारों को स्पष्ट करना: ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन के मालिकाना हक को स्पष्ट करना ताकि जमीन विवादों को कम किया जा सके।

  2. आर्थिक सशक्तिकरण: संपत्ति के दस्तावेज होने से ग्रामीण लोग बैंकों से लोन ले सकते हैं और अपने व्यवसाय को बढ़ा सकते हैं।

  3. ग्रामीण विकास: जमीन के स्वामित्व से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों को बढ़ावा मिलेगा।

  4. डिजिटल इंडिया की ओर कदम: संपत्ति के दस्तावेजों को डिजिटल रूप में उपलब्ध कराना, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी।

  5. ग्रामीण क्षेत्रों में योजनाओं का सही क्रियान्वयन: जमीन के स्वामित्व से सरकारी योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंचेगा।

स्वामित्व योजना के लाभ

  1. संपत्ति का कानूनी दस्तावेज: ग्रामीणों को उनकी जमीन का स्वामित्व प्रमाण पत्र मिलेगा, जो कानूनी रूप से मान्य होगा।

  2. जमीन विवादों में कमी: जमीन की सीमाओं को स्पष्ट करने से विवादों में कमी आएगी।

  3. वित्तीय सुविधाएं: संपत्ति के दस्तावेज होने से ग्रामीण लोग बैंकों से लोन ले सकते हैं।

  4. ग्रामीण विकास: जमीन के स्वामित्व से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों को बढ़ावा मिलेगा।

  5. पारदर्शिता: डिजिटल रूप में संपत्ति के दस्तावेज होने से पारदर्शिता बढ़ेगी।

  6. संपत्ति का बाजार मूल्य: संपत्ति कार्ड होने से जमीन का बाजार मूल्य निर्धारित करने में मदद मिलेगी।

स्वामित्व योजना की पात्रता

  1. ग्रामीण क्षेत्रों के निवासी: यह योजना केवल ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए है।
  2. आबादी वाली जमीन: यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों की आबादी वाली जमीन (Abadi Area) पर लागू होती है।

  3. भारत का नागरिक: इस योजना का लाभ केवल भारत के नागरिकों के लिए ही है।

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स्वामित्व योजना की विशेषताएं

  1. ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग: जमीन का सर्वेक्षण ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके किया जाता है, जिससे सटीकता बढ़ती है।

  2. डिजिटल संपत्ति कार्ड: संपत्ति कार्ड को डिजिटल रूप में उपलब्ध कराया जाता है, जिससे इसे आसानी से एक्सेस किया जा सकता है।

  3. पारदर्शिता: योजना के तहत सभी प्रक्रियाएं पारदर्शी तरीके से की जाती हैं।

  4. ग्रामीणों की भागीदारी: योजना के तहत ग्रामीणों को सर्वेक्षण और डेटा संग्रह प्रक्रिया में शामिल किया जाता है।

संपत्ति कार्ड (Property Card)

स्वामित्व योजना (Svamitva Scheme) के तहत एक दस्तावेज जारी किया जाता है, जिसे संपत्ति कार्ड (Property Card) कहा जाता है। यह कार्ड एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी वाली जमीन (Abadi Area) के मालिकों को जारी किया जाता है। यह कार्ड आबादी वाली जमीन के मालिकाना हक (Ownership Right) को स्पष्ट और कानूनी रूप से प्रमाणित करता है। यह कार्ड डिजिटल रूप में उपलब्ध होता है और इसे भारत सरकार द्वारा जारी किया जाता है। इसमें निम्नलिखित जानकारी शामिल होती है:

  1. जमीन मालिक का नाम: संपत्ति के मालिक का पूरा नाम और पता।

  2. जमीन का विवरण: जमीन का क्षेत्रफल, सीमाएं, और लोकेशन।

  3. संपत्ति की स्थिति: जमीन का प्रकार (जैसे-आवासीय या अन्य)।

  4. यूनिक आईडी: संपत्ति को एक यूनिक आईडी (Unique Property ID) दी जाती है, जो इसे डिजिटल रूप में ट्रैक करने में मदद करती है।

  5. मानचित्र (Map): जमीन का एक डिजिटल मानचित्र, जिसमें सीमाएं स्पष्ट रूप से दर्शाई जाती हैं।

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स्वामित्व योजना के तहत संपत्ति कार्ड का महत्व

  1. कानूनी सुरक्षा: संपत्ति कार्ड जमीन के मालिकाना हक को कानूनी रूप से सुरक्षित करता है।

  2. वित्तीय सुविधाएं: संपत्ति कार्ड होने से ग्रामीण लोग बैंकों से लोन ले सकते हैं।

  3. जमीन विवादों में कमी: संपत्ति कार्ड से जमीन की सीमाओं को स्पष्ट किया जा सकता है, जिससे विवादों में कमी आती है।

  4. संपत्ति का बाजार मूल्य: संपत्ति कार्ड होने से जमीन का बाजार मूल्य निर्धारित करने में मदद मिलती है।

स्वामित्व योजना की क्रियान्वयन प्रक्रिया

स्वामित्व योजना की क्रियान्वयन प्रक्रिया (Implementation Process) इस प्रकार है-

  1. सर्वेक्षण: सबसे पहले ग्रामीण क्षेत्रों की जमीन का ड्रोन के माध्यम से सर्वेक्षण किया जाएगा।

  2. डेटा संग्रह: सर्वेक्षण के बाद जमीन से संबंधित डेटा एकत्र किया जाएगा।

  3. संपत्ति कार्ड का निर्माण: एकत्र किए गए डेटा के आधार पर संपत्ति कार्ड तैयार किया जाएगा।

  4. संपत्ति कार्ड का वितरण: तैयार किए गए संपत्ति कार्ड को ग्रामीणों को वितरित किया जाएगा।

स्वामित्व योजना के घटक- Components

इस योजना के कई महत्वपूर्ण घटक (Components) हैं, जो इसे प्रभावी और सफल बनाने में योगदान देते हैं।

  1. सतत परिचालन संदर्भ स्टेशन (CORS) नेटवर्क की स्थापना: यह नेटवर्क उच्च सटीकता वाले सर्वेक्षण और मानचित्रण के लिए आवश्यक है।
  2. ड्रोन द्वारा बड़े पैमाने पर मानचित्रण: ड्रोन तकनीक का उपयोग करके ग्रामीण क्षेत्रों का सटीक और विस्तृत मानचित्रण किया जाता है।
  3. सूचना, शिक्षा और संचार (IEC) पहल: ग्रामीण समुदायों में जागरूकता बढ़ाने और योजना के लाभों के बारे में जानकारी प्रदान करना।
  4. स्थानीय नियोजन अनुप्रयोग ‘ग्राम मानचित्र’ का विकास: ग्रामीण विकास और नियोजन के लिए डिजिटल मानचित्रों का उपयोग।
  5. ऑनलाइन निगरानी प्रणाली: योजना की प्रगति और कार्यान्वयन की निगरानी के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म।

स्वामित्व योजना में शामिल प्रमुख विभाग और एजेंसियां

स्वामित्व योजना (Svamitva Scheme) एक बहु-विभागीय योजना है, जिसमें केंद्र सरकार, राज्य सरकारें, और विभिन्न तकनीकी एजेंसियों का सहयोग शामिल है।

यहां पर स्वामित्व योजना में शामिल प्रमुख विभागों और एजेंसियों के नाम और उनके प्रमुख कार्यों का वर्णन है।

1.पंचायती राज मंत्रालय (Ministry of Panchayati Raj)

  • यह योजना का मुख्य नोडल विभाग है।

  • योजना की नीतियों, योजनाओं, और क्रियान्वयन की जिम्मेदारी इसी मंत्रालय की है।

  • ग्रामीण क्षेत्रों में योजना के क्रियान्वयन की निगरानी करना।


2. राज्य सरकारें (State Governments)

  • राज्य सरकारें योजना के क्रियान्वयन में प्रमुख भूमिका निभाती हैं।

  • राज्य स्तर पर पंचायती राज विभाग योजना को लागू करता है।

  • ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वेक्षण और संपत्ति कार्ड वितरण की जिम्मेदारी।


3. सर्वे ऑफ इंडिया (Survey of India)

  • यह राष्ट्रीय मानचित्रण एजेंसी है जो ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके जमीन का सर्वेक्षण करती है।

  • जमीन की सीमाओं को स्पष्ट करने और डिजिटल मानचित्र तैयार करने की जिम्मेदारी।


4. राजस्व विभाग (Revenue Department)

  • जमीन से संबंधित रिकॉर्ड और दस्तावेजों का प्रबंधन।

  • संपत्ति कार्ड जारी करने और जमीन विवादों को सुलझाने में सहायता।


5. ग्राम पंचायतें (Gram Panchayats)

  • ग्रामीण स्तर पर योजना के क्रियान्वयन में सहयोग।

  • ग्राम सभा (Gram Sabha) की बैठकों में योजना के बारे में जागरूकता फैलाना।

  • सर्वेक्षण और डेटा संग्रह प्रक्रिया में ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित करना।


6. नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC)

  • योजना के तकनीकी पहलुओं का प्रबंधन।

  • डिजिटल संपत्ति कार्ड और डेटा प्रबंधन प्रणाली (Property Card Management System) का विकास और रखरखाव।


7. राज्य स्तरीय तकनीकी एजेंसियां (State Technical Agencies)

  • राज्य स्तर पर सर्वेक्षण और डेटा संग्रह की जिम्मेदारी।

  • ड्रोन टेक्नोलॉजी और जीआईएस (GIS) का उपयोग करके जमीन का मानचित्रण।


8. वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance)

  • योजना के लिए बजट आवंटन और वित्तीय सहायता प्रदान करना।

  • ग्रामीणों को वित्तीय सुविधाएं प्रदान करने में सहयोग।


9. ग्रामीण विकास मंत्रालय (Ministry of Rural Development)

  • ग्रामीण विकास योजनाओं के साथ समन्वय स्थापित करना।

  • ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों को बढ़ावा देना।


10. नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation)

  • ड्रोन टेक्नोलॉजी के उपयोग के लिए नियम और दिशा-निर्देश जारी करना।

  • ड्रोन उड़ानों की अनुमति और निगरानी करना।

निष्कर्ष-Conclusion

स्वामित्व योजना (SVAMITVA Scheme) भारत सरकार की एक क्रांतिकारी पहल है, जिसका उद्देश्य गाँवों में संपत्ति के स्वामित्व को स्पष्ट और कानूनी रूप से प्रमाणित करना है। यह योजना ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने और ग्रामीणों को उनकी जमीन का मालिकाना हक प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

यह योजना ग्रामवासियों को उनकी संपत्ति पर कानूनी अधिकार देने के साथ-साथ आर्थिक सशक्तिकरण का भी मार्ग प्रशस्त करती है। इससे ग्रामीण संपत्ति को बैंक लोन के लिए गिरवी रखने की सुविधा मिलती है, जिससे गाँवों में आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ेंगी और संपत्ति विवादों में कमी आएगी

इसके अलावा, ग्राम पंचायतों के लिए कर संग्रहण आसान होगा, जिससे गाँवों के विकास कार्यों को गति मिलेगी। डिजिटल रिकॉर्ड बनने से सरकारी योजनाओं का सही क्रियान्वयन संभव होगा और भूमि संबंधी पारदर्शिता बढ़ेगी

सामान्य प्रश्नोत्तर (FAQs)

हां, संपत्ति कार्ड को कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त है और यह जमीन के मालिकाना हक को प्रमाणित करता है।

हाँ, स्वामित्व योजना (Svamitva Scheme) पूरे भारत के ग्राम पंचायत क्षेत्रों में लागू है

हां, संपत्ति कार्ड के माध्यम से जमीन का बाजार मूल्य निर्धारित करने में मदद मिलती है।

हाँ, संपत्ति कार्ड मिलने के बाद संपत्ति खरीदी-बेची जा सकती है और इसे बैंक लोन के लिए उपयोग किया जा सकता है

नहीं, यह योजना केवल ग्रामीण क्षेत्रों (गाँवों) की आबादी भूमि के लिए लागू की गई है

नहीं, इस योजना (Svamitva Scheme) के तहत संपत्ति कार्ड प्राप्त करने के लिए कोई शुल्क नहीं है।

शब्दावली - Terminology

  1. डिजिटल मानचित्रण (Digital Mapping): जमीन की सीमाओं और विवरण को डिजिटल रूप में दर्शाने की प्रक्रिया। यह जीआईएस (GIS) तकनीक का उपयोग करके किया जाता है।
  2. भू-अधिकार (Land Ownership Rights): संपत्ति पर मालिक का कानूनी अधिकार, जो उसे संपत्ति खरीदने, बेचने, किराए पर देने या गिरवी रखने की अनुमति देता है।

  3. सर्वे ऑफ इंडिया (Survey of India – SOI): यह भारत की मुख्य मानचित्रण (Mapping) एजेंसी है, जो ड्रोन तकनीक द्वारा गाँवों की भूमि का सर्वेक्षण और मैपिंग करती है।

  4. यूनिक प्रॉपर्टी आईडी (Unique Property ID): संपत्ति को एक विशिष्ट पहचान संख्या (Unique Identification Number) दी जाती है, जो इसे डिजिटल रूप में ट्रैक करने में मदद करती है।

  5. नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC): योजना के तकनीकी पहलुओं का प्रबंधन करने वाली एजेंसी। यह डिजिटल संपत्ति कार्ड और डेटा प्रबंधन प्रणाली (Property Card Management System) का विकास और रखरखाव करती है।

  6. भौगोलिक सूचना प्रणाली (Geographic Information System – GIS):  GIS एक तकनीकी प्रणाली है, जो डिजिटल मानचित्रों और भूमि से संबंधित डेटा को स्टोर, प्रबंधित और विश्लेषण करने में मदद करती है।

  7. सतत परिचालन संदर्भ स्टेशन (CORS): सतत परिचालन संदर्भ स्टेशन (CORS – Continuously Operating Reference Station) नेटवर्क एक उच्च-सटीकता वाला GNSS (Global Navigation Satellite System) आधारित सिस्टम है, जिसका उपयोग सटीक जियोडेटिक सर्वेक्षण, मैपिंग, भूमि रिकॉर्ड डिजिटलीकरण और बुनियादी ढांचे के विकास में किया जाता है।

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